Shri Brihaspati Dev Ji Ki Aarti

श्री बृहस्पति देव आरती – गुरुवार व्रत | VedicYuga.com
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श्री बृहस्पति देव आरती 🌕

Audio Courtesy: VedicYuga Bhajan Archives
बृहस्पति देव की आरती || Brihaspati Dev Ki Aarti || Brihaspati Aarti

जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा ।
छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥

तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ॥

दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥

सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ॥

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहत गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥

जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा ।


बृहस्पति देव की आरती 2 || Brihaspati Dev Ki Aarti 2 || Brihaspati Aarti 2

ॐ जय बृहस्पति देवा, स्वामी जय बृहस्पति देवा
ज्ञान दान प्रदाता, भक्तन के सुखदाता॥

धन-धान्य के दाता, विद्या वैभव दायक
पाप नाशक तुम हो, मंगलमय छायक॥

पीताम्बर धारी तुम, पीत फल प्रिय भोग
पीत पुष्प चढ़ावत, पीत चंदन लोग॥

गुरु ग्रह के अधिपति, देवताओं के गुरु
वेद-पुराण वक्ता, ज्ञान के सागर अनुपम॥

चार वेद छह शास्त्र, अठारह पुराण
तुमसे ही प्रकट हुए, ज्ञान की खान॥

शुक्राचार्य संहारे, दैत्यों के गुरु जाने
देवताओं की रक्षा, तुमने सदा की है॥

गुरुवार व्रत प्रिय तुम्हें, पीली वस्तु अर्पण
चना-गुड़ का भोग, सुनहरा वस्त्र धारण॥

जो जन तुम्हें ध्यावे, विद्या-धन पावे
कुंडली के दोष सब, तुम दूर कर जावे॥

ॐ जय बृहस्पति देवा, स्वामी जय बृहस्पति देवा
ज्ञान दान प्रदाता, भक्तन के सुखदाता॥
गुरुवार व्रत विधि: पीले वस्त्र धारण करें, पीले फूल/चने की दाल चढ़ाएं, पीली मिठाई का भोग लगाएं, इस आरती का पाठ करें।

गुरुवार व्रत विधि

  • पीले वस्त्र धारण करें
  • पीले फूल/चने की दाल चढ़ाएं
  • पीली मिठाई का भोग लगाएं
  • कर्ज से मुक्ति
  • आरती का पाठ करें