25 Mar Shri Lakshmi Mata Aarti
ॐ जय लक्ष्मी माता आरती
Audio Courtesy: VedicYuga Bhajan Archives
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि विष्णु विधाता॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी
आगम-निगम पुराण, तुम्हीं गुण खानी॥
तुम ही पाताल-बसंती, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
शुभ-गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि विष्णु विधाता॥
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि विष्णु विधाता॥ ब्रह्माणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी
आगम-निगम पुराण, तुम्हीं गुण खानी॥
तुम ही पाताल-बसंती, तुम ही शुभदाता
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
जिस घर में तुम रहती, सब सद्गुण आता
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
शुभ-गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई गाता
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि विष्णु विधाता॥
शुक्रवार व्रत विधि: सफेद या पीले वस्त्र धारण करें, सफेद फूल चढ़ाएं, खीर का भोग लगाएं, इस आरती का 11 बार पाठ करें।
लाभ:
- धन-धान्य में वृद्धि
- पारिवारिक सुख-शांति
- नौकरी/व्यवसाय में प्रगति
- कर्ज से मुक्ति
- वैवाहिक जीवन में सुख