Jai Ganesh Deva Aarti

जय गणेश देवा आरती – पूर्ण हिंदी लिरिक्स (PDF) | VedicYuga.com
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जय गणेश देवा आरती 🕉️

Audio Courtesy: VedicYuga Bhajan Archives
जय गणेश देवा, जय गणेश देवा
जय गणेश देवा, प्रभु मेरे देवा
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा
लड्डुओं का भोग लगे, संत करें सेवा

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया

‘हर’ का आतमज है, पार्वती नंदन
सृष्टि के कर्ता-धर्ता, जग पालन-हरण

अंधकासुर संहारक, विनायक कहलाए
भूभार अति घटवो, भूमि सुख पाए

धूप-दीप जलावो, आरती गावो
जो नर नित ध्यावत, मनवांछित फल पावो

दीनन की लाज रखो, शंभु सुतवारी
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी

जय गणेश देवा, जय गणेश देवा
जय गणेश देवा, प्रभु मेरे देवा
एक दंत दयावंत, चार भुजाधारी
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी