25 Mar Shiv Aarti
Posted at 20:29h
in Aarti
ॐ जय शिव ओंकारा आरती
Audio Courtesy: Vedicyuga.com
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ एकानन चतुरानन, पंचानन राजे
हंसानन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
दो भुज चार चतुर्भुज, दस भुज अति सोहे
त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥
अक्षमाला वनमाला, रुण्डमाल धारी
चंदन मृगमद सोहे, भाले शशिधारी॥
श्वेताम्बर पीताम्बर, बाघाम्बर अंगे
सनकादिक गरुणादिक, भूतादिक संगे॥
कर में शूल, खट्वांग, डमरू सुखकारी
मृत्युंजय जय करता, जगत पतिहारी॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी
नित उठि आरती गावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥ एकानन चतुरानन, पंचानन राजे
हंसानन, गरुड़ासन, वृषवाहन साजे॥
दो भुज चार चतुर्भुज, दस भुज अति सोहे
त्रिगुण रूप निरखते, त्रिभुवन जन मोहे॥
अक्षमाला वनमाला, रुण्डमाल धारी
चंदन मृगमद सोहे, भाले शशिधारी॥
श्वेताम्बर पीताम्बर, बाघाम्बर अंगे
सनकादिक गरुणादिक, भूतादिक संगे॥
कर में शूल, खट्वांग, डमरू सुखकारी
मृत्युंजय जय करता, जगत पतिहारी॥
काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी
नित उठि आरती गावत, महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥