10 Nov Shri Shani Aarti
Aarti Om Jai Jai Shri Shani Maharaj (ॐ जय जय शनि महाराज: श्री शनिदेव आरती) ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय जय शनि महाराज । कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ सूरज के तुम बालक होकर, जग में बड़े बलवान । सब देवताओं में तुम्हारा, प्रथम मान है आज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ विक्रमराज को हुआ घमण्ड फिर, अपने श्रेष्ठन का । चकनाचूर किया बुद्धि को, हिला दिया सरताज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ प्रभु राम और पांडवजी को, भेज दिया बनवास । कृपा होय जब तुम्हारी स्वामी, बचाई उनकी लॉज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ शुर-संत राजा हरीशचंद्र का, बेच दिया परिवार । पात्र हुए जब सत परीक्षा में, देकर धन और राज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ गुरुनाथ को शिक्षा फाँसी की, मन के गरबन को । होश में लाया सवा कलाक में, फेरत निगाह राज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ माखन चोर वो कृष्ण कन्हाइ, गैयन के रखवार । कलंक माथे का धोया उनका, खड़े रूप विराज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ देखी लीला प्रभु आया चक्कर, तन को अब न सतावे । माया बंधन से कर दो हमें, भव सागर ज्ञानी राज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ मैं हूँ दीन अनाथ अज्ञानी, भूल भई हमसे । क्षमा शांति दो नारायण को, प्रणाम लो महाराज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ ॐ जय जय शनि महाराज, स्वामी जय-जय शनि महाराज । कृपा करो हम दीन रंक पर, दुःख हरियो प्रभु आज ॥ ॥ ॐ जय जय शनि महाराज ॥ |
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