25 Mar Ai Ambe Gauri Maiya Jai Shyama Gauri Aarti
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
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जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को
उज्जवल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजे
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजे॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम ज्योति॥
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥ मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को
उज्जवल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥
कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजे
रक्तपुष्प गल माला, कण्ठन पर साजे॥
केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी
सुर-नर-मुनि-जन सेवत, तिनके दुखहारी॥
कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम ज्योति॥
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना, निशिदिन मदमाती॥
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
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